Bhatija Bna Pati – Part 2
अब मैं कब तक सब्र करता। आग से पास आकर घी पिघल ही जाता है। सो उसके चुम्बन ने मेरे शरीर में कामवासना जगा दी और मैं भी उसे चूमने लगा। उसके मम्मे दबाने लगा।
अब मैं कब तक सब्र करता। आग से पास आकर घी पिघल ही जाता है। सो उसके चुम्बन ने मेरे शरीर में कामवासना जगा दी और मैं भी उसे चूमने लगा। उसके मम्मे दबाने लगा।
तो आपकी जिज्ञासा को शांत करते हुए आपका अपना दोस्त दीप पंजाबी एक नई मज़ेदार हिन्दी सेक्स कहानी लेकर फेर हाज़िर है। लेकिन उस से भी पहले आप सब दोस्तों से एक छोटी सी नराजगी भी है के आप लोगो के मेल पहले से थोड़े कम आ रहे है।
एक साल के भीतर ही मेरा उनसे तलाक़ हो गया। घर वालो ने दुबारा शादी करने का सोचा पर मेरा दिल नही माना और मेने नौकरी करने की ठान ली। इस लिए आपके पास उस दिन नौकरी के लिये आई थी।
ये हिन्दी सेक्सी कहानी शुरू होती है कोलकाता के मिस्टर सुनील गुलाटी के परिवार से जिसमे खुद सुनील, उसकी पत्नी स्वाति गुलाटी और उसका छोटा भाई विवेक गुलाटी रहता है।