Mere Pati Ko Meri Khuli Chunoti – Episode 14
केले को मेरी चूत में डाल ने वाली बात याद आते ही मेरी भूख मर गयी और घूमते फिरते मैं वापस कंप्यूटर वाले कमरे में आयी। पर वह सब कुछ बदल गया!
केले को मेरी चूत में डाल ने वाली बात याद आते ही मेरी भूख मर गयी और घूमते फिरते मैं वापस कंप्यूटर वाले कमरे में आयी। पर वह सब कुछ बदल गया!
योग और मैंने तय किया की हम शुक्रवार शाम से काम शुरू करेंगे। पहले वह ऑफिस में अपना काम ख़तम करके मुझे अपनी कार में उनके घर ले जाएंगे।
कॉफी आर्डर करने के बाद मैं योग से मेरे तीखे रवैय्ये के बारे में माफ़ी मांगने लगी. योग ने मेरी बात मणि या नहीं अब ये तो आप इस एपिसोड में जानिए!
वाशरूम में मैंने कुछ मेकअप सा किया और अपने आपको सम्हालने की कोशिश की। पर जब मैं बाहर निकली तो योग को वहीँ खड़े हुए पाकर मैं कुछ लड़खड़ा सी गयी।
मुझे पता चला योगराज औरतो के प्रति बहुत ही गलत भाव रखते है, पर इसपर मुझे यकीन तब हुआ जब तक उन्होंने मेरे खुद के साथ सबके सामने बदसलूकी करी.
अजित के जाते ही एक और मर्द ने मेरे जीवन में दस्तक दे दी थी. वो मेरे ऑफिस में काम करता था और एक दिन मैं उनके साथ अकेली लिफ्ट में फस गयी.
अजित सच में मुझे कोई बाजार की सस्ती रांड समझने लग गया था, उसने मेरे साथ एक दो बार बहुत बदसलूकी करी. फिर उसके बाद मैंने उसे न मिलने का फेसला किया.
अजित के सामने मैं नंगी हो चुकी थी, पहली बार किसी के साथ गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके चुदाई केने में मुझे बहुत मजा आया. पर इस एक गलत असर भी हुआ.
अजित को मैंने अपनी आप बीती सुना दी थी, उसके बाद वही हुआ जो मेरे मन कह रहा था. अंजित ने मुझे पकड़ लिया और ऐसा लग रहा था की अब वो मुझे जरुर चोदेगा.
अजित मेरे घर आने वाला था पर मेरे काफी इन्तेजार करने पर भी वो नहीं आया. लेकिन जब मैं सोने लगी तो वो मेरे घर के बहार आ खड़ा हुआ जिससे मैं घबरा गयी.
पति बात करते हुए मुझे पता चला की उनका किसी दूसरी औरत के साथ चक्कर चल रहा है. पर मेरे पति ने मेरे ऊपर ही लांछन लगते हुए कहा की तुम भी किसी गेर से चुदवाती हो.
जैसे ही मेट्रो ट्रैन रुकी, की अजित ने लगभग मुझे अपनी बाँहों में उठा लिया और दौड़ कर दरवाजा खुलते ही अंदर घुस गया। आगे क्या हुआ अब यह तो आप कहानी में जानिए!
एक दिन मैं जैसे ही मेट्रो स्टेशन पहुंची और टिकट चेकिंग मशीन की कतार में खड़ी हुई और मैंने कार्ड निकालने के लिए अपना पर्स खोला तो कार्ड पर्स में नही था.
मेरे जैसी एक पतिव्रता नारी के साथ मेरे पति का व्यवहार मुझे गंवारा ना था। ऐसे में मेरे किसी गैर मर्द के साथ शारीरिक सम्बन्ध बने यह मेरी कहानी में जानिए।
कुमुद की चूत में हो रहे कम्पन का राज भी अनुभव कर रहा था, क्यूंकि राज के लण्ड को कुमुद की चूत ने इतना सख्ती से जकड रखा था की कुमुद की चूत में होती थोड़ी सी कम्पन भी राज के लण्ड को महसूस होती थी।
राज ने देखा तो रानी और कुमुद की नजरें मिली हुई थीं। वह समझ गया की आखिर कितनी ही खुली क्यों ना हो, भारतीय नारी को अपनी लज्जा की मर्यादा का ध्यान रहता ही है।
राज चोद तो रानी को रहा था पर मजे कमल की बीबी कुमुद के स्तनों का ले रहा था। जब की कमल अपनी बीबी की चूत में अपने लण्ड को घुसेड़ने की कोशिश कर रहा था और साथ साथ में राज की पत्नी रानी के मस्त खरबूजों को अपने हाथों में मसल रहा था।
कमल ने थोड़ी देर बाद अपना मुंह हटाया और कुमुद की चूत में अपनी दो उंगलियां डाल दी और कुमुद को उँगलियों से चोदना शुरू किया। अक्सर औरतें लण्ड से ज्यादा उँगलियों की चुदाई से उत्तेजित हो जाती हैं।
राज ने बरबस अपना लण्ड अपनी बीबी रानी की जाँघों से सटा दिया, रानी ने आँखें खोली तो पति राज को कमल की पत्नी कुमुद की नंगी चूँचियों के दर्शन करते हुए पाया।
राज और रानी को चुम्बन करते हुए देख कर कमल से रहा नहीं गया। उसने अपनी बीबी को करीब खींचा तो कुमुद भी खिसक कर कमल की बाँहों में आ गयी।