Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 6
ऐसे ही कुछ हफ्ते बीत गए। समय को बितते देर नहीं लगती। सर्दियाँ जानेको थी। गर्मी दरवाजे पर दस्तक दे रही थी। शहर के लोग मस्ती में होली के त्यौहार की तैयारियां कर रहे थे।
ऐसे ही कुछ हफ्ते बीत गए। समय को बितते देर नहीं लगती। सर्दियाँ जानेको थी। गर्मी दरवाजे पर दस्तक दे रही थी। शहर के लोग मस्ती में होली के त्यौहार की तैयारियां कर रहे थे।
अनीता ने एकबार मुझे रात के दस बजे फ़ोन किया की उसके बाथरूम का नलका ज्यादा पानी लीक कर रहा था। यदि उसको तुरंत ठीक नहीं किया तो उसकी पानी की टंकी खाली हो सकती थी। अनिल उस समय टूर पर था।
मुझे ऐसा लगा जैसे अनिलने लिफाफा जान बुझ कर गिराया था। मैंने झुक कर जैसे उसे उठाया तो उसमे से एक तस्वीर फिसल कर बहार निकल पड़ी। वह तस्वीर उसकी पत्नी अनीता की थी।
मैं जानता था की अनिल को तो मेरे घर जाने का बहाना चाहिए था। उसे इससे बढ़िया बहाना और क्या मिल सकता था? उसने तुरंत कहा की वह मेरे घर के पास ही कहीं जा रहा था। वह जरूर मैगी के पैकेट पहुंचा देगा।
जब मैं वापस आया तो अनिल की पत्नी उसके पति को मेरी सुन्दर पत्नी के साथ करीब से डांस करते देख रही थी। मुझे अनीता बहुत सुन्दर लग रही थी। मैं अनिल की पत्नी अनीता की और बहुत आकर्षित था, पर अपने विचारों को मन में ही दबा कर रखता था।
नीना के कॉलेज में हजारों लड़को में कुछ ही लड़कियां थी। उनमे से एक नीना थी। परन्तु वह मन की इतनी मज़बूत थी की कोई लड़का उसे छेड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।
मुह पर दुपट्टा बंधी मेरी बुढ्ढी ताई दबे मुह कुछ बड़बड़ा रही थी, कुछ कहना चाह रही थी लेकिन उसकी आवाज़ उसके मुह में ही दबी रह गयी।
ये बात करीब 6 महीने पुरानी है जब हमारे एरिये की सड़के बन रही थी। आपको तो पता ही है सड़क वालो की लेबर में औरते भी होती है। उनके बारे में तो सब जानते ही है।
ये बात तब की है जब मैं पढ़ाई पूरी करके घर से कुछ कामकाज के लिए सपनों की महानगरी मुम्बई में आया था। उस वक़्त मैं बहुत खुश था के जिस शहर को देखने के लिए बचपन से टीवी या अखबार में ही देखकर दिल बेहला लेता था.
चाची एक बात बोलनी है बुरा न मानना, ये लण्ड झिलमिल को देखकर नही तुझे देखकर खड़ा हुआ था और जब से तुझे गौशाला में दूध निकालते हुए देखा तबसे खड़ा है, बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है, क्या करूँ.
ये घटना लगभग 5 साल पुरानी है जब मैं 18 साल का था और सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जनता था. लेकिन उस समय मैंने पहली बार गे पोर्न देखा था जिसमे एक बड़ी उम्र का आदमी एक 19-20 साल के लड़के क साथ सेक्स कर रहा था।
चुप कर तू लड़की, भाई बतायेगा उसे ध्यान से सुनना, तेरे भले की ही बात है, अब तू जवान हो गयी है, बाहर पंखू की तरह कोई गलती न करे इसलिए समझ बात को.
मैं राहुल दिलवाला उम्र 28 साल, रंग गोरा, कद 5 फीट 9 इंच, लण्ड का कद 6.5 इंच व मोटाई 4 इंच, बालों से भरी हुई चौड़ी छाती जिसे देखकर मेरे सभी दोस्तों की माँ और सभी भाभियों, आंटियों व तमाम औरतों के मुह में और चूत में पानी आ जाता है।
अब हम दोनों जीजू साली अस्पताल में राज की माँ की देखभाल के लिए रुक गए। माजी और सोनिया को खाना खिलाया । इतने में रात हो गयी। हम दोनों हाल में ही एक बेंच पर बैठे थे। करीब 12 बजे तक हम दोनो बाते करते रहे।
ये पिछले साल की बात है के एक दिन हम दोनों पति पत्नी मेरे सुसराल गये हुए थे। सोनिया ने हमारा बहुत बढ़िया तरीके से स्वागत किया। वो उस वक़्त घर पे अकेली थी।
घर से थोड़ी दूर जाके बस स्टैंड है वहां से होकर बाज़ार जाना पड़ता है, तो वहां मेरे पड़ोस का लड़का सोनू दिखा, वो भी शायद बाज़ार ही जा रहा था। उसने हाथ सेे रुकने का इशारा किया और मेने बाइक रोक ली।
अब मैं कब तक सब्र करता। आग से पास आकर घी पिघल ही जाता है। सो उसके चुम्बन ने मेरे शरीर में कामवासना जगा दी और मैं भी उसे चूमने लगा। उसके मम्मे दबाने लगा।
तो आपकी जिज्ञासा को शांत करते हुए आपका अपना दोस्त दीप पंजाबी एक नई मज़ेदार हिन्दी सेक्स कहानी लेकर फेर हाज़िर है। लेकिन उस से भी पहले आप सब दोस्तों से एक छोटी सी नराजगी भी है के आप लोगो के मेल पहले से थोड़े कम आ रहे है।
एक साल के भीतर ही मेरा उनसे तलाक़ हो गया। घर वालो ने दुबारा शादी करने का सोचा पर मेरा दिल नही माना और मेने नौकरी करने की ठान ली। इस लिए आपके पास उस दिन नौकरी के लिये आई थी।
ये हिन्दी सेक्सी कहानी शुरू होती है कोलकाता के मिस्टर सुनील गुलाटी के परिवार से जिसमे खुद सुनील, उसकी पत्नी स्वाति गुलाटी और उसका छोटा भाई विवेक गुलाटी रहता है।