Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 34
ज्योतिजी और सुनीलजी झरने में कूद पड़े और तैरते हुए वाटर फॉल के निचे पहुँच कर उंचाइसे गिरते हुए पानी की बौछारों से भीगने लगे!
ज्योतिजी और सुनीलजी झरने में कूद पड़े और तैरते हुए वाटर फॉल के निचे पहुँच कर उंचाइसे गिरते हुए पानी की बौछारों से भीगने लगे!
Is kahani me aap jaanoge kese ek ladke ne couple ke sath threesome ki chudai karke apni fantasy puri kari. Aap bhi is sachi sex kahani ka maja lijiye.
सुनील और जस्सूजी मर्दों को कपडे बदलने के रूम में चले गए। पर झरने के पास पहुँचते ही सुनीता जनाना कपडे बदलने के कमरे के बाहर रूक गयी और कुछ असमंजस में पड़ गयी।
जम्मू स्टेशन से कैंप की और टैक्सी चला कर ले जाते हुए पुरे रास्ते में सुनील को ऐसा लगा जैसे टैक्सी ड्राइवर “शोले” फिल्म की “धन्नो” की तरह बोले ही जा रहा था।
सुनीलजी उम्मीद कर रहे थे की उनकी पत्नी सुनीता उनके आने का इंतजार कर रही होगी। उन्होंने कम्बल मे आते ही सुनीता को अपनी बाहों में लिया और उसे चुम्बन करने लगे।
नीतू ने जब इशारा किया की कर्नल साहब सुनीलजी की बीबी सुनीताजी की चुदाई कर चुके थे और उसके कुछ देर बाद उसी वक्त सुनीताजी अपने पति से चुद रही थी!
नीतू की चूत यह सोच कर इतनी गीली हो रही थी की उसके लिए अब और इंतजार करना नामुमकिन सा लग रहा था। तभी उसे अचानक कुछ हलचल महसूस हुई।
सुनीता के पति सुनील ने उससे से वचन जो लिया था की दिन में ना सही पर रात को जरूर वह सुनीता को खाने मतलब सुनीता की लेने (मतलब सुनीता को चोदने) जरूर आएंगे।
Is part me padeye ki mujhe jail se kisne nikalwaya aur naukari kisne bahaal karvayi. Preeti konsi pooja karti thi aur kaha karti thi.
सुनीता ने जब जस्सूजी से यह वाक्य सुने तो वह गदगद हो गयी। सुनीता के हाथ में जस्सूजी का आधा तना हुआ लंड था जिसे वह प्यार से सेहला रही थी।
सुनीता जानती थी की उसमें उतनी हिम्मत नहीं थी की वह जस्सूजी को रोक सके। इसका कारण यह था की वह खुद भी जस्सूजी से चुदवाना चाहती थी।
Do dosto ki kahani jaha wo ek dusre ki mummiyon par najar ghumate the. Ek din unhone mil kar apni mummiyan badal kar chudai kari.
Mujhe ek din reader ka mail aaya jisme usne mujhe apne ghar bulaya. Waha jakar main uski biwi ki chudai kar uski kokh ko hari kar diya.
ज्योति जी की बेबाक बातें सुनकर सुनीता की तो बोलती ही बंद हो गयी थी। सुनीता बेचारी चौड़ी, फूली हुई आँखों से ज्योति जी बातें सुन रही थी।
उस दिन सुनील अपने ऑफिस के काम के सन्दर्भ में कहीं दो दिन के टूर गया हुआ था। कर्नल साहब और सुनील की पत्नी सुनीता परीक्षा की तैयारियों में लगे हुए थे।
हॉल में फिर वही उन्माद पूर्ण माहौल बन गया। सुनीता को यह करुणा और उन्माद भरे दृश्य के देख कर पता नहीं क्या महसूस हो रहा था।
कर्नल साहब और सुनीता और सुनील और ज्योति, दोनों जोड़े एक दुसरे के साथी के साथ उस अंधरे से भरे हॉल में एक दुसरे से आकर्षित होने लगे थे.
दोनों जोड़े सिनेमा हाल में पहोंच गए थे, पर पर सुनीता इस बात से हेरान थी की वो कर्नल साहब के साथ बेठी है और उसका पति ज्योति के साथ..!
Sam se to Komal chud chuki thi, par uske baad hi achanak se ek aur masr ki entry Komal ki jindagi me ho jati hai, wo kon hai story me janiye..
Ye komal aur sanjay ki kahani ka continue part hai jismein sanjay again komal ko kisi aur se chudwata hai aur komal ke andar ki randi jagne lagti hai.